शाहजहांपुर जिले के जलालाबाद का नाम बदलकर अब परशुरामपुरी कर दिया गया है। गृह मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए आधिकारिक पत्र जारी कर दिया है।
केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने जताया आभार
केंद्रीय राज्यमंत्री जितिन प्रसाद ने गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में लिया गया यह निर्णय सनातन समाज के लिए गर्व का क्षण है।
क्यों बदला गया नाम?
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जलालाबाद को भगवान परशुराम की जन्मस्थली माना जाता है।
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यहां उनका ऐतिहासिक और प्राचीन मंदिर मौजूद है।
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नगर पालिका परिषद ने 2018 और 2023 में नाम परिवर्तन का प्रस्ताव पारित किया था।
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अप्रैल 2024 में जिलाधिकारी ने भी इस प्रस्ताव को शासन को भेजा था।
2022 में जन्मस्थली घोषित
प्रदेश सरकार ने 24 अप्रैल 2022 को इस नगर को परशुराम की जन्मस्थली घोषित किया था। उस समय पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने मंदिर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की घोषणा भी की थी।
विकास कार्यों पर 30 करोड़ खर्च
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19 करोड़ रुपये मंदिर प्रांगण के सुंदरीकरण और श्रद्धालुओं की सुविधाओं पर।
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11 करोड़ रुपये पास के तालाब की सफाई, घाट, सीढ़ियां, पाथवे और मंदिर तक चौड़ा मार्ग बनाने पर।
इस फैसले से परशुरामपुरी धार्मिक आस्था और पर्यटन दोनों के लिहाज से एक महत्वपूर्ण स्थल बनने जा रही है।