नई दिल्ली: यूट्यूबर एल्विश यादव को सुप्रीम कोर्ट से ‘सांप के ज़हर’ मामले में बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उनके खिलाफ चल रही निचली अदालत की कार्यवाही पर फिलहाल रोक लगा दी है। यह आदेश बुधवार को जस्टिस एम. एम. सुंदरेश और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने सुनाया।
अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार और शिकायतकर्ता गौरव गुप्ता को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। अब इस मामले में अगली सुनवाई तक कोई भी कार्रवाई नहीं होगी।
क्या था एल्विश की याचिका में?
एल्विश यादव ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी। उन्होंने एफआईआर, आरोप पत्र और आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने की मांग की थी। याचिका में कहा गया कि यह मामला NDPS कानून के दायरे में नहीं आता, क्योंकि उनके पास से कोई मादक पदार्थ या ज़हर बरामद नहीं हुआ।
सुनवाई के दौरान क्या दलीलें दी गईं?
एल्विश यादव के वकील ने कोर्ट में तर्क दिया कि:
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अभियोजन पक्ष कानून के नियमों का पालन नहीं कर रहा है।
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शिकायतकर्ता ने गलत पहचान का इस्तेमाल कर एफआईआर दर्ज कराई — वह अब पशु कल्याण अधिकारी नहीं है।
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चार्जशीट में एल्विश यादव के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं हैं।
क्या है ‘सांप के ज़हर’ केस?
मार्च 2024 में नोएडा पुलिस ने एल्विश यादव के खिलाफ सांपों की अवैध तस्करी और उनके ज़हर के इस्तेमाल को लेकर केस दर्ज किया था। आरोप था कि वह अपनी पार्टियों में ज़हरीले सांपों का इस्तेमाल करते थे, और वहां पर “रेव पार्टीज़” में सांप का ज़हर नशे के लिए इस्तेमाल किया जाता था।
नोएडा पुलिस ने एल्विश को गिरफ्तार भी किया था, हालांकि बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी।
सोशल मीडिया स्टार की कानूनी लड़ाई
एल्विश यादव, जो एक प्रसिद्ध यूट्यूबर और रियलिटी शो बिग बॉस ओटीटी विजेता रह चुके हैं, इस मामले के चलते लगातार कानूनी और सामाजिक विवादों में बने हुए हैं। अब सुप्रीम कोर्ट की अंतरिम राहत से उन्हें थोड़ी राहत जरूर मिली है, लेकिन मामला अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है।