बिहार के बेगूसराय जिले में नगर निगम की लापरवाही के कारण 11 साल की मासूम बच्ची मीठी कुमारी की जान चली गई। मीरगंज मोहल्ले में एक टूटे हुए नाले के ढक्कन में पैर फंसने से बच्ची गंभीर रूप से घायल हो गई थी। उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन शनिवार की रात उसकी मौत हो गई। इस घटना ने न केवल बच्ची के परिवार को बल्कि पूरे मोहल्ले को गहरे सदमे में डाल दिया है।
बच्ची का परिचय
- बच्ची का नाम: मीठी कुमारी
- उम्र: 11 वर्ष
- पिता का नाम: रंजीत राम
14 नवंबर 2024 की शाम को मीठी अपने घर के पास खेल रही थी। उसी दौरान उसका पैर नाले के टूटे ढक्कन में फंस गया। इस घटना ने न केवल उसके जीवन को खतरे में डाला, बल्कि यह नगर निगम की लापरवाही को भी उजागर किया।
अस्पताल में भर्ती
घटना के बाद, मीठी को तुरंत एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां उसकी हालत गंभीर बनी रही और चिकित्सकों ने हर संभव प्रयास किया, लेकिन शनिवार की रात उसकी मौत हो गई।
नगर निगम पर लापरवाही का आरोप
स्थानीय लोगों का कहना है कि मीरगंज मोहल्ले की गली में वर्षों से नाले के ढक्कन टूटे हुए हैं। कई बार नगर निगम और स्थानीय पार्षद को इस समस्या के बारे में सूचित किया गया, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
- लोगों की शिकायत: मोहल्ले के निवासी बताते हैं कि कई बार उन्होंने टूटे हुए नाले के ढक्कन को ठीक कराने की मांग की, लेकिन प्रशासन ने केवल आश्वासन दिया और समस्या को नजरअंदाज किया।
घटना के बाद की स्थिति
बच्ची की मौत के बाद मोहल्ले में आक्रोश फैल गया। स्थानीय लोगों ने नगर निगम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और मांग की कि जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
परिवार ने बच्ची की मौत के बाद बिना लिखित शिकायत के ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया। यह दर्शाता है कि स्थानीय लोगों का प्रशासन पर कितना विश्वास टूट चुका है।
स्थानीय निवासियों ने बताया कि टूटे हुए नाले के ढक्कन के कारण पहले भी कई लोग घायल हो चुके हैं। करीब एक दर्जन लोग पहले भी गिरकर चोटिल हो चुके हैं, लेकिन प्रशासन ने कभी इस पर ध्यान नहीं दिया।