18 नवंबर 2024 को उत्तर प्रदेश के झांसी में एक अस्पताल में आग लगने की घटना ने पूरे क्षेत्र को हिलाकर रख दिया। इस आग में 10 बच्चों की मौत हो गई, लेकिन एक नर्स, मेघा जेम्स, ने अपने अदम्य साहस और निस्वार्थता का परिचय देते हुए 15 नवजातों को बचाने में सफलता प्राप्त की। यह घटना झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में हुई, जहां नर्स मेघा अपनी ड्यूटी पर थीं।
आग लगने का कारण
- स्थान: महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज, झांसी
- समय: शुक्रवार, 18 नवंबर 2024
- कारण: आग लगने का कारण एक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में तकनीकी खराबी बताई गई है।
मेघा का साहस
- मेघा जेम्स ने बताया कि वह एक बच्चे को टीका लगाने के लिए सिरिंज लेने गई थीं।
- जब वह वापस आईं, तो उन्होंने देखा कि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में आग लग चुकी थी।
- आग की लपटें तेजी से फैल रही थीं, लेकिन मेघा ने अपने सहकर्मियों को बुलाकर आग बुझाने की कोशिश की।
खुद को खतरे में डालकर बच्चों की जान बचाना
- मेघा ने बताया कि आग लगने के दौरान उनकी चप्पल और सलवार जल गई।
- उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और एक और सलवार पहनकर बच्चों को बचाने में जुट गईं।
- धुएं और अंधेरे में, मेघा और अन्य स्टाफ ने 14-15 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला।
अस्पताल का हाल
- वार्ड में 11 बेड थे, जिन पर 23-24 बच्चे थे।
- अगर रोशनी नहीं बुझी होती, तो और बच्चों को भी बचाया जा सकता था।
- आग लगने की घटना अचानक हुई, जिससे सभी स्टाफ सदस्य चौंक गए थे।
नर्सिंग अधीक्षक की प्रशंसा
- सहायक नर्सिंग अधीक्षक नलिनी सूद ने मेघा की बहादुरी की प्रशंसा की।
- उन्होंने बताया कि कर्मचारियों ने बच्चों को बाहर निकालने के लिए वार्ड के शीशे तोड़ दिए।
- मेघा का इलाज अस्पताल में चल रहा है, और उनकी स्थिति के बारे में जानकारी दी जा रही है।
अस्पताल प्रशासन की प्रतिक्रिया
- अस्पताल के एनेस्थिसियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉक्टर अंशुल जैन ने बताया कि अस्पताल ने सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन किया था।
- झांसी के जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने कहा कि आग से बचाए गए एक नवजात की रविवार को बीमारी के कारण मौत हो गई।