यह कहानी दिल दहला देने वाली और समाज को झकझोर देने वाली है। 24 जनवरी 2021 की रात को हुई इस घटना में एक 17 वर्षीय किशोर ने अपने ही परिवार के 6 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी, जिसमें माता-पिता, भाई-बहन और गर्भवती भाभी शामिल थे।

प्रेमिका के घर सोने से रोका तो कर दिए 6 कत्ल, गर्भवती भाभी को भी नहीं बख्शा... कंपा देगी जुर्म की ये दास्तां

अपनी क्रूरता की हदें पार करते हुए उसने अपने छोटे भाई को भी गोली मारी, लेकिन उस भाई की किस्मत में कुछ और ही लिखा था। छोटे भाई को मरा हुआ समझकर वह उसे छोड़कर चला गया, लेकिन उस घायल भाई ने ही हिम्मत जुटाकर पुलिस को सूचना दी और इस खौफनाक वारदात का खुलासा हुआ।

यह घटना एक गहरे मनोवैज्ञानिक और सामाजिक सवाल उठाती है कि आखिर क्या वजह थी जो एक किशोर ने अपने ही परिवार के खिलाफ इतना जघन्य कदम उठाया। क्या यह मानसिक तनाव, असमर्थता या नफरत का नतीजा था? ऐसे मामलों की तह तक जाकर हमें समझने की जरूरत है ताकि समाज में इस तरह के भयानक हादसों को रोका जा सके।

नई दिल्ली में 24 जनवरी 2021 की वह भयावह रात कभी न भूलने वाली है, जब एक शख्स ने अपने ही परिवार के छह लोगों की नृशंस हत्या कर दी। यह क्रूर हत्याकांड किसी फिल्मी कहानी की तरह लग सकता है, लेकिन इसका हर पहलू रोंगटे खड़े कर देने वाला है।

उस रात, कातिल ने एक-एक कर अपने परिवार के कमरों के दरवाजे खोले और सामने आए हर सदस्य को गोली मार दी। सबसे पहले पिता, फिर मां, उसके बाद बहन और भाई। यहां तक कि उसने अपनी गर्भवती भाभी पर भी गोली चलाने से परहेज नहीं किया, जिसके गर्भ में एक मासूम जान पल रही थी। इस क्रूरता के बाद अब उसे इन 6 हत्याओं का दोषी माना गया है, और उसे हर कत्ल के लिए 40 से 65 साल की सजा सुनाई जा सकती है।

यह मामला न केवल कानून और न्याय की दृष्टि से गंभीर है, बल्कि समाज को यह सोचने पर मजबूर करता है कि आखिर किस मानसिकता के तहत कोई शख्स अपने ही परिवार के खिलाफ इतनी बेरहमी से पेश आ सकता है। इस घटना ने समाज में पारिवारिक रिश्तों की सुरक्षा और उनके महत्व पर गहरा सवाल उठाया है।

इंडियानापोलिस, इंडियाना में 24 जनवरी की रात का यह मामला एक बेहद खौफनाक घटना की कहानी बयां करता है। 17 वर्षीय रेमंड रोनाल्ड ली चाइल्ड्स नामक किशोर, देर रात अपने घर लौटने पर गुस्से में आग-बबूला था। बताया जाता है कि उस रात घर में उसका परिवार उसके देर से लौटने पर नाराज़ था और इस बात पर जमकर बहस हुई थी।

गुस्से और बगावत से भरा रेमंड इस कदर आक्रोशित हो गया कि उसने अपने ही परिवार को खत्म करने का भयावह निर्णय ले लिया। उसने एक-एक कर घर के सदस्यों के कमरों के दरवाजे खोले और जो भी सामने आया, उसे गोली मारता चला गया।

इस नरसंहार में सबसे पहले उसके पिता, फिर मां, उसके बाद बहन और भाई की जान चली गई। पर रेमंड का गुस्सा यहीं नहीं थमा। उसने अपनी गर्भवती भाभी पर भी गोली चला दी, जिससे उनके गर्भ में पल रही मासूम जान भी चली गई। यह निर्दयता और क्रूरता की हद थी।

आखिरकार, इस हत्याकांड में बच गया केवल उसका छोटा भाई, जो मरा हुआ समझकर छोड़ दिया गया था। घायल छोटे भाई ने ही पुलिस को इस घटना की जानकारी दी, जिससे पूरी दुनिया को इस खौफनाक जुर्म का पता चला।

रेमंड पर इन हत्याओं का आरोप सिद्ध हो गया है, और उसे हर हत्या के लिए 40 से 65 साल की जेल की सजा हो सकती है। यह कहानी न केवल न्याय के मापदंडों पर सवाल खड़ा करती है, बल्कि सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर किन कारणों से एक किशोर इतनी बर्बरता पर उतर आया।

उस रात की शुरुआत एक साधारण-सी लगने वाली बातचीत से हुई, जो आगे चलकर एक खौफनाक घटना में बदल गई। जब रेमंड देर रात घर लौटा, तो उसके पिता ने उससे इतनी देर से आने का कारण पूछा। रेमंड ने साफ-साफ बताया कि वह अपनी गर्लफ्रेंड के पास था और अब उसी के घर पर रात बिताने के लिए वापस जाना चाहता था। यह सुनकर उसके पिता ने कड़ी आपत्ति जताई और उसे गर्लफ्रेंड के घर जाने से मना कर दिया।

पिता ने यह बात कहकर अपने बेटे को समझाने की कोशिश की, लेकिन रेमंड इस बात से बेहद नाराज हो गया। उसके पिता ने उसे मना करने के बाद अपने कमरे में सोने के लिए चले गए, यह सोचते हुए कि शायद यह बात वहीं खत्म हो जाएगी। मगर रेमंड के मन में गुस्से का तूफान उठ चुका था, और उसने वह कदम उठाने का निश्चय कर लिया जिसे कोई सोच भी नहीं सकता था।

पिता के मना करने और उस पर लगाई गई पाबंदी ने रेमंड को इस कदर क्रोधित कर दिया कि उसने अपने ही परिवार के खिलाफ खौफनाक योजना बना ली।

पिता को मना करते वक्त जरा भी अहसास नहीं था कि उनका बेटा इतनी गंभीर प्रतिक्रिया देगा। रेमंड के अंदर गुस्से और विद्रोह का ऐसा भयानक उबाल आया कि उसने अपने ही परिवार के खिलाफ हथियार उठाने का निर्णय कर लिया। घर के भीतर रखी पिस्तौल लेकर वह सीधा अपने पिता के कमरे में पहुंचा। पिता के पास खुद को बचाने या कुछ कहने का भी समय नहीं था। रेमंड ने बिना कुछ सोचे-समझे पिस्तौल का ट्रिगर दबा दिया, और गोली सीधे उसके पिता के सीने के पार हो गई।

लहूलुहान पिता फर्श पर गिर पड़े, और दर्द से तड़पते हुए वहीं उन्होंने अंतिम सांस ली। रेमंड के लिए यह खौफनाक शुरुआत थी, लेकिन उसका गुस्सा यहीं खत्म नहीं हुआ। पिता की जान लेने के बाद उसने पूरे परिवार के लिए वही खतरनाक इरादा बना लिया।

इस पल के बाद रेमंड के मन में मानो संवेदनाओं की कोई जगह नहीं बची थी, और उसने एक-एक कर अपने परिवार के बाकी सदस्यों को भी इसी बेरहमी से निशाना बनाने का फैसला कर लिया।

 

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