राहुल की हत्या में गला घोंटने के अलावा धारदार हथियार से हमले के भी निशान मिले थे। पुलिस को संदेह था कि इस हत्या में कई लोग शामिल हो सकते हैं। जब पुलिस ने राहुल की भाभी आशा की तलाश शुरू की, तो वह फरार मिली और उसका मोबाइल भी बंद था। हालांकि, बहुत जल्दी पूरी कहानी सामने आ गई।

नई दिल्ली: 7 सितंबर 2024 को शाम करीब 6:30 बजे, उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के उन्नाव बॉर्डर पर मल्लावां गांव में पुलिस को मक्के के खेत में एक युवक की लाश पड़ी होने की सूचना मिली। जब पुलिस ने मौके पर जाकर जांच की, तो पता चला कि मृतक 25 वर्षीय राहुल गौतम है, जो हयातनगर गांव का निवासी था। लाश का पंचनामा कर के पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। राहुल के परिजनों ने उसकी भाभी आशा पर हत्या का शक जताते हुए केस दर्ज कराया, और पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि राहुल की हत्या गला घोंटकर की गई और उसकी गर्दन पर धारदार हथियार से पांच वार किए गए। पुलिस ने राहुल की भाभी आशा की तलाश शुरू की, लेकिन वह फरार हो चुकी थी और उसका मोबाइल भी स्विच ऑफ था। हत्या के आरोप आशा पर पहले ही लग चुके थे, लेकिन पुलिस को ये जानना था कि क्या उसने ये सब अकेले किया। जब पुलिस ने आशा के मोबाइल की कॉल डिटेल जांची, तो पता चला कि 7 सितंबर को उसके मोबाइल पर एक नंबर से 53 बार कॉल की गई थी।

अर्जुन और आशा के बीच 53 बार हुई बातचीत

पुलिस ने कॉल डिटेल की जांच की और पाया कि 7 सितंबर को आशा के मोबाइल पर एक नंबर से 53 बार कॉल की गई थी। इस नंबर की पड़ताल में पता चला कि यह आशा के गांव में रहने वाले अर्जुन का था। पुलिस ने दोनों के नंबर को सर्विलांस पर डाल दिया और उनकी आखिरी लोकेशन बिलग्राम इलाके में पाई गई। मुखबिरों को सक्रिय करने के बाद, 11 सितंबर को पुलिस ने आशा और अर्जुन को गिरफ्तार कर लिया।

पूछताछ में खुलासा हुआ कि हत्या के पीछे एक बड़ा राज छिपा था। आशा ने अपने देवर राहुल को मार डाला क्योंकि वह अवैध संबंधों में उलझी थी और इस काम में उसका प्रेमी अर्जुन भी शामिल था।

लुधियाना से शुरू हुआ आशा और अर्जुन का अफेयर

पुलिस के मुताबिक, आशा के पति विपिन लुधियाना में काम करते थे। करीब दो साल पहले, विपिन ने आशा को अपने साथ लुधियाना बुला लिया। वहां आशा की मुलाकात अर्जुन नाम के शख्स से हुई, जो उसके मायके के नजदीक रहता था। दोनों के बीच दोस्ती धीरे-धीरे एक प्रेम संबंध में बदल गई।

जब विपिन को इस अफेयर के बारे में पता चला, तो उसने लुधियाना छोड़कर पत्नी के साथ बेंगलुरु जाने का फैसला किया। लेकिन, बेंगलुरु में भी आशा छुप-छुपकर अर्जुन से फोन पर बातें करती रही। जब विपिन ने यह सब देखा, तो उसने आशा को वापस गांव भेज दिया।

भेद खुलने के डर से देवर की हत्या कर दी

पुलिस के मुताबिक, आशा के पति विपिन लुधियाना में काम करते थे। करीब दो साल पहले, विपिन ने आशा को अपने साथ लुधियाना बुला लिया। वहां आशा की मुलाकात अर्जुन नाम के शख्स से हुई, जो उसके मायके के नजदीक रहता था। दोनों के बीच दोस्ती धीरे-धीरे एक प्रेम संबंध में बदल गई।

जब विपिन को इस अफेयर के बारे में पता चला, तो उसने लुधियाना छोड़कर पत्नी के साथ बेंगलुरु जाने का फैसला किया। लेकिन, बेंगलुरु में भी आशा छुप-छुपकर अर्जुन से फोन पर बातें करती रही। जब विपिन ने यह सब देखा, तो उसने आशा को वापस गांव भेज दिया।

गला दबाने के बाद चाकू से हमला

इतना सब होने के बाद भी आशा और अर्जुन का मन नहीं भरा। उन्होंने राहुल की गर्दन पर चाकू से पांच वार किए। जब उन्हें लगा कि राहुल मर चुका है, तो उसकी लाश को खेत में छोड़कर दोनों फरार हो गए।

हालांकि, आशा और अर्जुन ज्यादा दिनों तक पुलिस की नजरों से नहीं बच सके। पुलिस ने सर्विलांस की मदद से उन्हें पकड़ लिया। हरदोई पुलिस ने दोनों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है। गांव में इस घृणित अपराध को लेकर चर्चा हो रही है कि कैसे एक महिला अपने अवैध संबंधों के लिए अपने ही रिश्ते की हत्या कर सकती है।

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