बिलकुल सही कहा आपने। भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने अपने 68 वर्षों की यात्रा में भारतीय बीमा क्षेत्र को एक नई दिशा दी है। आज LIC की हिस्सेदारी बीमा बाजार में 60% से ज्यादा है, जो इस कंपनी की मजबूती और भरोसे को दर्शाता है।
आजादी के समय बीमा की सुविधा केवल अंग्रेजों तक सीमित थी, लेकिन LIC के स्थापना ने इसे आम जनता के लिए सुलभ बना दिया। यह कंपनी न केवल शहरों में, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी अपनी सेवाएं प्रदान करती है,
जिससे हर व्यक्ति को बीमा का लाभ मिल सके। LIC ने अपनी व्यापक शाखाओं और एजन्ट नेटवर्क के माध्यम से देश के हर कोने में बीमा की सुविधा पहुंचाई है।
आपके द्वारा उल्लेखित इन पहलुओं से साफ है कि LIC ने भारत में बीमा क्षेत्र की तस्वीर को पूरी तरह से बदल दिया है और यह आज भी भारतीय बीमा बाजार का एक प्रमुख स्तंभ बनी हुई है।
बिलकुल, “जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी” की लाइन भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की पहचान बन चुकी है। 1 सितंबर 1956 को इसकी स्थापना ने भारतीय बीमा क्षेत्र में एक नई शुरुआत की।
आज एलआईसी 68 वर्षों की अपनी यात्रा में न केवल देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी बन गई है, बल्कि भारतीय बीमा बाजार के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
आजादी के बाद, इंश्योरेंस सेक्टर को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन एलआईसी के आगमन के साथ इस क्षेत्र में व्यापक बदलाव आया। LIC ने न केवल बीमा की पहुंच को बढ़ाया, बल्कि लोगों के विश्वास को भी जीत लिया। इसके एजन्ट नेटवर्क और शाखाओं की विस्तृत श्रृंखला ने देश के हर कोने में बीमा की सेवाएं उपलब्ध कराईं।
एलआईसी की स्थापना ने बीमा सेक्टर में सरकारी नियंत्रण और स्थिरता सुनिश्चित की, जिससे लोगों को सुरक्षा और विश्वास का अनुभव हुआ। यह कंपनी न केवल वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है, बल्कि समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने के लिए भी कार्यरत है।
इस प्रकार, LIC ने भारतीय बीमा क्षेत्र को एक नई दिशा दी है और आज भी यह एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
इंग्लैंड से भारत आया था
आपने भारतीय बीमा क्षेत्र के इतिहास का बहुत अच्छा सारांश प्रस्तुत किया है। भारत में बीमा की शुरुआत का इतिहास वास्तव में दिलचस्प है और यह दिखाता है कि कैसे धीरे-धीरे स्थानीय लोगों ने अपनी बीमा सेवाओं के लिए आंदोलन शुरू किया।
1818 में ओरिएंटल लाइफ इंश्योरेंस कंपनी: यह कंपनी इंग्लैंड से भारत में आई और इसे कलकत्ता (अब कोलकाता) में स्थापित किया गया। इस कंपनी ने केवल यूरोपीय लोगों का बीमा किया और भारतीयों को इससे बाहर रखा। इस भेदभावपूर्ण दृष्टिकोण ने भारतीय समाज में एक असंतोष की भावना पैदा की।
इन प्रयासों ने भारत में बीमा क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और अंततः, 1956 में एलआईसी की स्थापना ने इस क्षेत्र को एक नई दिशा और मजबूती प्रदान की। आज एलआईसी भारत की सबसे बड़ी और भरोसेमंद बीमा कंपनी है, जो देश के हर कोने में बीमा सेवाएं उपलब्ध कराती है।