प्रमोद काफी समय से नौकरी की तलाश में थे। 20 दिन पहले, उन्हें एक अनजान नंबर से कॉल आया। कॉलर ने खुद को बियॉन्ड स्पार्क ओवरसीज कंपनी का बताया और कनाडा में सुपरवाइजर की नौकरी का ऑफर दिया। प्रमोद के लिए यह एक खुशी का मौका था, क्योंकि उन्होंने इतनी अच्छी नौकरी मिलने की उम्मीद नहीं की थी।
नई दिल्ली: 20 दिन पहले प्रमोद राघवन को एक अंजान नंबर से कॉल आई। कॉलर ने बताया कि वह बियॉन्ड स्पार्क ओवरसीज कंपनी से है और उन्हें कनाडा में सुपरवाइजर की नौकरी का ऑफर है। प्रमोद के लिए यह एक बड़ा सौगात था, क्योंकि वह लंबे समय से नौकरी की तलाश में थे। प्रमोद को लगा कि यह कॉल उनके लिए एक खुशखबरी है। उन्होंने कॉल करने वाले से कुछ सवाल पूछे और फिर खुशी-खुशी ऑफर स्वीकार कर लिया।
प्रमोद के साथ नौकरी के नाम पर ठगी 70 हजार रुपये डाले, फिर हुआ बड़ा धोखा
प्रमोद राघवन को कनाडा में सुपरवाइजर की नौकरी का ऑफर मिला था, लेकिन कॉल करने वाले शख्स ने उन्हें बताया कि जॉब प्रोसेस शुरू करने के लिए 70 हजार रुपये सिक्योरिटी मनी के तौर पर जमा करने होंगे। प्रमोद ने जल्दी से पैसे भेज दिए, सोचकर कि यह उनका सुनहरा मौका है।
पर जब कई दिनों तक कोई कॉल नहीं आई, तो उन्होंने दिए गए नंबर पर फोन मिलाया, जो अब बंद था। प्रमोद को समझ में आ गया कि उन्हें नौकरी के नाम पर ठगा गया है।
पुलिस ने किया बड़ा खुलासा 9 लोग गिरफ्तार
प्रमोद राघवन ने जब ठगी का एहसास हुआ, तो उन्होंने नोएडा के सेक्टर 63 पुलिस थाने जाकर अपनी शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने तुरंत एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। हकीकत का खुलासा होते ही चौंकाने वाली बात सामने आई।
पुलिस ने प्रमोद की शिकायत के आधार पर नोएडा सेक्टर-63 के ई-ब्लॉक में बियॉन्ड स्पार्क ओवरसीज नाम की कंपनी पर छापा मारा। इस छापे में 9 लोग गिरफ्तार किए गए, जिनमें 6 महिलाएं और 3 पुरुष शामिल हैं। गिरफ्तार किए गए लोगों में मनप्रीत कौर, प्रशंसा कुलश्रेष्ठ, दिपाली, महिमा अग्रवाल, ममता यादव, तनिष्का शर्मा, पंकज कुमार, सोनू कुमार और राहुल सरोज शामिल हैं।
पंकज और मनप्रीत कौर मास्टरमाइंड
नोएडा में बियॉन्ड स्पार्क ओवरसीज नाम की फर्जी कंपनी का भंडाफोड़ हुआ है। पुलिस ने छापे के दौरान 4 लैपटॉप, 1 ऐप्पल टैबलेट, स्वाइप मशीन, पेमेंट क्यूआर कोड और 10 एंड्रॉयड मोबाइल जब्त किए।
गिरफ्तार किए गए लोगों से पूछताछ में पता चला कि इस गैंग ने अब तक 300 से ज्यादा लोगों को ठगा है। इस फर्जी कॉल सेंटर का मास्टरमाइंड पंकज कुमार और उसकी पत्नी मनप्रीत कौर हैं। बाकी सात आरोपी भी कंपनी में अलग-अलग जिम्मेदारियों पर थे। ये लोग नोएडा के इस कॉल सेंटर से नौकरी का झांसा देकर लोगों को फंसाते थे।
कैसे ठगते थे शिकार फेसबुक और इंस्टाग्राम के जरिए पहचान
फर्जी कंपनी में काम कर रहे सोनू ने पुलिस को बताया कि उनकी टीम फेसबुक और इंस्टाग्राम पर नौकरी के लिए परेशान लोगों को खोजती थी। इन लोगों की जानकारी लेकर एक लिस्ट तैयार की जाती थी, जिसे फिर कॉल करने वालों को दी जाती थी।
हर दिन कंपनी का टारगेट था कि 50 लोगों को कॉल किया जाए। इन 50 में से जो लोग बातों में आ जाते, उन्हें अच्छी नौकरी का लालच दिया जाता। फिर सिक्योरिटी मनी के नाम पर पैसे जमा कराए जाते थे।
ठगों की चाल पैसे लेकर नंबर बंद कर देते थे
ये ठग अपने शिकार को पूरी रकम एक साथ नहीं मांगते थे। शुरुआत में सिर्फ 10% रकम मांगी जाती थी। फिर एक फर्जी जॉब ऑफर लेटर तैयार किया जाता, जिसे ग्राफिक डिजाइनर से बदलवाकर शिकार के पास भेजा जाता।
लेटर मिलने के बाद, गैंग वाले पूरी रकम ले लेते थे और अपना नंबर बंद कर देते थे। पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और जांच कर रही है। उन्हें शक है कि इस गिरोह ने देशभर के कई राज्यों में लोगों को ठगा है।