हरियाणा में बेरोजगारी की स्थिति वाकई चिंताजनक है, और सफाई कर्मचारी की भर्ती के लिए इतनी बड़ी संख्या में ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट युवाओं का आवेदन करना इसका प्रमाण है। यह दर्शाता है कि उच्च शिक्षा प्राप्त लोग भी नौकरी की कमी के कारण किसी भी तरह के रोजगार के लिए आवेदन कर रहे हैं।

इस तरह के आंकड़े बताते हैं कि केवल शैक्षणिक योग्यता ही पर्याप्त नहीं है; रोजगार के अवसरों की भी बहुत बड़ी भूमिका है। रोजगार के अवसरों में सुधार और युवाओं के लिए बेहतर अवसर सृजित करने के लिए ठोस नीतियों और योजनाओं की आवश्यकता है।

चंडीगढ़ में हरियाणा के शिक्षित युवाओं की रोजगार की कमी सच में एक बड़ी चिंता का विषय है। हरियाणा कौशल रोजगार निगम (HKRN) के पास सफाई कर्मचारी के पद के लिए 46,000 से अधिक ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट युवाओं के आवेदन इस बात का स्पष्ट संकेत हैं कि स्थिति कितनी गंभीर है।

प्रदेश सरकार के आत्मनिर्भरता के दावे और युवाओं को अवसर देने की योजनाओं के बावजूद, ऐसा स्पष्ट है कि अभी भी बहुत से शिक्षित लोग बुनियादी नौकरियों के लिए भी आवेदन कर रहे हैं।

इस स्थिति का समाधान करने के लिए, सरकार को न केवल नई नौकरियों के अवसर सृजित करने की आवश्यकता है, बल्कि मौजूदा नौकरियों में भी गुणवत्ता और स्थिरता सुनिश्चित करने पर ध्यान देना होगा। शिक्षा और कौशल विकास के साथ-साथ रोजगार के अवसरों की उपलब्धता भी बहुत महत्वपूर्ण है, ताकि युवाओं को उनके शिक्षा और कौशल के अनुरूप सही और सम्मानजनक अवसर मिल सकें।

यह वाकई चौंकाने वाला आंकड़ा है कि हरियाणा कौशल रोजगार निगम (HKRN) के द्वारा संविदा पर सफाई कर्मचारियों की भर्ती के लिए 46,000 से अधिक ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट युवाओं ने आवेदन किया। विशेष रूप से तब जब इस पद के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता केवल आठवीं पास थी।

इस स्थिति से साफ है कि राज्य में रोजगार की स्थिति कितनी विकट है। शिक्षित युवाओं की इतनी बड़ी संख्या बुनियादी श्रेणी की नौकरी के लिए आवेदन कर रही है, यह दिखाता है कि वे उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी उचित रोजगार के अवसरों की तलाश में हैं। यह बेरोजगारी और आर्थिक अस्थिरता के गंभीर संकेत हैं।

इस तरह की स्थिति को सुधारने के लिए सरकार को रोजगार सृजन, कौशल विकास, और आर्थिक नीतियों में सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। केवल नौकरियों की संख्या बढ़ाना ही समाधान नहीं है, बल्कि युवाओं को उनके शिक्षा और कौशल के अनुरूप अवसर प्रदान करना भी जरूरी है।

 

यह आंकड़े वास्तव में बहुत विचारणीय हैं। संविदा पर सफाई कर्मचारी की भर्ती के लिए आवेदन करने वाले 46,000 से अधिक ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट युवाओं की संख्या यह दर्शाती है कि राज्य में रोजगार की स्थिति कितनी खराब है। विशेष रूप से, जब इस पद के लिए प्रति माह 15,000 रुपये की सैलरी तय की गई है, तब भी इतनी बड़ी संख्या में शिक्षित युवाओं का आवेदन करना यह बताता है कि नौकरी की कमी और आर्थिक दबाव किस कदर बढ़ गया है।

आंकड़े इस प्रकार हैं:

39,990 ग्रेजुएट युवाओं ने आवेदन किया।
6,112 पोस्ट ग्रेजुएट युवाओं ने आवेदन किया।
117,144 12वीं कक्षा पास युवाओं ने भी आवेदन किया।

यह दर्शाता है कि उच्च शिक्षा प्राप्त युवाओं को भी बुनियादी कामकाजी अवसरों के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। यह स्थिति नीति निर्धारकों के लिए एक गंभीर चुनौती है।

सरकार को अब इस गंभीर मुद्दे का समाधान ढूंढने की दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है, जैसे कि:

1. रोजगार सृजन: नए उद्योगों और व्यवसायों को प्रोत्साहित करना, ताकि ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकें।
2. स्किल डेवलपमेंट: युवाओं को उद्योग की मांग के अनुसार कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना।
3. आर्थिक नीतियों में सुधार: रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत सुधार करना।

इस प्रकार के उपायों से युवाओं को उनकी शिक्षा और कौशल के अनुसार बेहतर रोजगार के अवसर मिल सकते हैं।

हरियाणा में बेरोजगारी की बढ़ती समस्या और सरकारी विभागों, बोर्डों और निगमों में सफाई कर्मचारियों की भर्ती के लिए मिले आवेदनों की संख्या इस मुद्दे की गंभीरता को उजागर करती है।

सफाई कर्मचारियों की तैनाती:

हरियाणा कौशल रोजगार निगम (HKRN) के अनुसार, सरकारी विभागों, बोर्डों, और निगमों में संविदा पर सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति की जाती है। इन कर्मचारियों को मासिक 15,000 रुपये का वेतन दिया जाता है। उनका काम सार्वजनिक स्थानों, सड़कों, इमारतों की साफ-सफाई, झाड़ू लगाने और कचरा उठाने का होता है।

बेरोजगारी की स्थिति:

केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में हरियाणा में बेरोजगारी दर बढ़ी है। पीरियाडिक लेबर फोर्स सर्वे के अनुसार:
– **शहरी क्षेत्रों में 15-29 वर्ष आयु के लोगों में बेरोजगारी दर** अप्रैल से जून 2024 की तिमाही में **11.2%** तक पहुंच गई, जबकि जनवरी-मार्च की तिमाही में यह 9.5%थी।
महिलाओं की बेरोजगारी दर भी इसी अवधि में बढ़ी है, जनवरी-मार्च में 13.9% से बढ़कर अप्रैल-जून में 17.2% हो गई।

इससे यह स्पष्ट है कि हरियाणा में सभी आयु समूहों में बेरोजगारी दर बढ़ रही है, जो एक गंभीर समस्या है।

नौकरी के इच्छुक युवाओं की संख्या:

हरियाणा कौशल रोजगार निगम (HKRN) के पास नौकरी के इच्छुक युवाओं की संख्या 449,429 हो चुकी है, जबकि पंजीकृत नियोक्ता की संख्या 9,576। यह संख्या दिखाती है कि सरकारी, गैर सरकारी, और संविदा पर नौकरी के इच्छुक लोगों की भीड़ लगातार बढ़ रही है।

सामान्य निष्कर्ष:

आवेदन की संख्या और बेरोजगारी दर दोनों ही इस बात की ओर इशारा करते हैं कि हरियाणा में रोजगार के अवसरों की कमी है।
सरकारी और गैर सरकारी नौकरी की व्यवस्था में सुधार की जरूरत है ताकि युवाओं को उनके शिक्षा और कौशल के अनुरूप उचित अवसर मिल सकें।

इस स्थिति में सुधार के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है, जैसे कि रोजगार सृजन के लिए नीतियों में सुधार, स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम्स का विस्तार, और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने वाली योजनाओं का कार्यान्वयन।

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