14 नवंबर 2024 को लखनऊ के आलमबाग थाना क्षेत्र में एक नाबालिग छात्रा के साथ उसके सहपाठी ने दोस्तों के साथ मिलकर दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया। यह घटना उस समय हुई जब आरोपी ने पीड़िता को झांसा देकर बुलाया और फिर उसे सुनसान जगह पर ले जाकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। इस घिनौनी घटना के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
बुलाने का तरीका
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झांसा देना: आरोपी ने पीड़िता को फोन करके बताया कि उसकी सहेली की तबीयत खराब है और उसे स्कूल से बुलाने के लिए आया है। इस झांसे में आकर पीड़िता ने आरोपी की बात मान ली और उसके साथ चल पड़ी।
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सुनसान स्थान पर ले जाना: जब पीड़िता स्कूल पहुंची, तो आरोपी उसे एलडीए कॉलोनी की ओर ले गया, जहां उसका एक दोस्त अखिलेश पहले से बाइक पर खड़ा था। इसके बाद वे दोनों पीड़िता को लखनऊ के PGI इलाके में एक सुनसान जगह पर ले गए।
घटना का अंजाम
- सामूहिक दुष्कर्म: सुनसान इलाके में पहुंचने के बाद, आरोपियों ने पीड़िता के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। यह घटना न केवल पीड़िता के लिए बल्कि उसके परिवार के लिए भी एक बड़ा आघात थी।
पुलिस की कार्रवाई
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परिवार की प्रतिक्रिया: जब पीड़िता के परिजनों को इस घटना की जानकारी मिली, तो उन्होंने तुरंत आलमबाग पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई।
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पुलिस की त्वरित कार्रवाई: पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपियों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज किया और त्वरित कार्रवाई करते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
आरोपियों की पहचान
- गिरफ्तार आरोपियों का विवरण: पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में पीड़िता का सहपाठी और उसके दो अन्य दोस्त शामिल हैं। पुलिस ने उनकी पहचान की और आगे की जांच शुरू की।
समाज पर प्रभाव
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भय और चिंता: इस प्रकार की घटनाएँ समाज में भय और चिंता का माहौल पैदा करती हैं। नाबालिग लड़कियों की सुरक्षा को लेकर परिवारों में असुरक्षा का अनुभव होता है।
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सामाजिक जागरूकता: इस घटना ने समाज में नाबालिगों के प्रति सुरक्षा की आवश्यकता को एक बार फिर से उजागर किया है। लोगों को इस प्रकार की घटनाओं के प्रति जागरूक रहने की आवश्यकता है।
कानूनी प्रक्रिया
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कानूनी धाराएँ: पुलिस ने आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। दुष्कर्म के मामलों में सख्त सजा का प्रावधान है, जो आरोपियों को कड़ी सजा दिलाने में सहायक होगा।
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मामले की सुनवाई: मामले की सुनवाई जल्द ही अदालत में शुरू होगी, जहां पीड़िता के बयान और सबूतों के आधार पर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।