हरियाणा के सोनीपत जिले में एक महिला के साथ हुई डिजिटल ठगी ने साइबर अपराध की गंभीरता को उजागर किया है। इस मामले में, एक महिला को पुलिस अधिकारी बनकर ठगने वाले गिरोह ने 6.85 लाख रुपये ठग लिए। यह घटना 4 अक्टूबर 2024 को हुई थी, जब महिला को एक वीडियो कॉल के माध्यम से ठगा गया। इस मामले की शिकायत मिलने के बाद, सोनीपत साइबर थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
ठगी का तरीका
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वीडियो कॉल: महिला को एक अक्टूबर को वॉट्सएप पर एक वीडियो कॉल आई, जिसमें एक व्यक्ति ने पुलिस की वर्दी पहनी हुई थी। उसके पीछे एक बोर्ड पर “मुंबई पुलिस” लिखा था।
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धमकी और डर: कॉल करने वाले व्यक्ति ने महिला से कहा कि उसके एसबीआई क्रेडिट कार्ड पर बड़ी राशि बकाया है। जब महिला ने कहा कि उसके पास कोई क्रेडिट कार्ड नहीं है, तो ठग ने कहा कि उसका कार्ड गलत लेनदेन में उपयोग किया गया है।
मनोवैज्ञानिक दबाव
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कानूनी कार्रवाई का डर: ठग ने महिला को यह भी बताया कि वह एक सीबीआई अधिकारी से बात कर रही है और उसे गिरफ्तार किया जाएगा। इस डर के चलते, महिला ने अलग-अलग खातों में पैसे जमा करने का निर्णय लिया।
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मनी लॉन्ड्रिंग का मामला: महिला को यह भी बताया गया कि उसका नाम एक पूर्व बैंक प्रबंधक के मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़ा है और यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित है।
ठगी की राशि और गिरोह की पहचान
- 8.78 करोड़ रुपये: जांच में पता चला है कि यह गिरोह अब तक 8.78 करोड़ रुपये की ठगी कर चुका है। यह राशि कंबोडिया और ब्रिटेन तक भेजी गई थी।
गिरफ्तार आरोपियों की जानकारी
- आरोपियों का विवरण: गिरफ्तार किए गए नौ आरोपियों में से अधिकांश गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के निवासी हैं। इनमें से कुछ के नाम हैं:
- मोशिन (महाराष्ट्र)
- विवेक विरानी (गुजरात)
- विनेश टांक (गुजरात)
- आकाश गोयानी (गुजरात)
- मोहम्मद अमन (गुजरात)
- तुषार प्रताप (उत्तर प्रदेश)
- श्रवण उर्फ काकू (राजस्थान)
- मुकेश और प्रवीण चौधरी (राजस्थान)
पुलिस की कार्रवाई
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पुलिस द्वारा बरामदगी: पुलिस ने आरोपियों से 3.36 लाख रुपये, 11 मोबाइल फोन, डेबिट कार्ड और चेक बुक बरामद की है।
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आरोपियों का कबूलनामा: गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने पुलिस के सामने कबूल किया कि उनके तार विदेशों से जुड़े हुए थे और ठगी की गई राशि को कंबोडिया और ब्रिटेन में भेजा जाता था।