उत्तर प्रदेश के संभल जिले में एक बेहद चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक पिता ने अपने बेटे की लाठी-डंडों से पीट-पीटकर हत्या कर दी। यह घटना एक साधारण घरेलू विवाद से शुरू हुई, जब घर के आंगन में कपड़े सुखाने को लेकर एक छोटी सी बहस ने खूनी संघर्ष का रूप ले लिया। इस घटना ने पूरे परिवार को हिला कर रख दिया है और आसपास के लोगों को भी दंग कर दिया है।

विवाद की शुरुआत

घटना का आरंभ तब हुआ जब ऋषिपाल, जो कि परिवार का पिता है, ने अपनी बहू सविता के साथ कपड़े सुखाने के मुद्दे पर बहस की। सविता ने अपने पति संतोष से इस विवाद की शिकायत की, जिसके बाद संतोष ने अपने पिता ऋषिपाल से इस मुद्दे पर बात की।

खूनी संघर्ष का रूप लेना

इस बातचीत के दौरान, पिता और बेटे के बीच बहस बढ़ गई और यह इतनी गंभीर हो गई कि दोनों के बीच हाथापाई शुरू हो गई। इसी बीच, ऋषिपाल का दूसरा बेटा सोनपाल भी वहां पहुंच गया और उसने भी इस विवाद में हस्तक्षेप किया। तीनों के बीच जमकर लाठी-डंडे चले, जिससे संतोष गंभीर रूप से घायल हो गया।

घायल संतोष का अस्पताल पहुंचना

जब संतोष को घायल अवस्था में अस्पताल ले जाया गया, तब डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। यह खबर परिवार में हड़कंप मचा गई और आस-पड़ोस के लोग भी इस घटना की जानकारी पाकर वहां इकट्ठा हो गए।

पुलिस की कार्रवाई

घटना की सूचना मिलना

घटना की जानकारी मिलने के बाद रजपुरा थाना प्रभारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने परिजनों से घटना की जानकारी ली और शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

हत्यारोपी पिता और पुत्र का फरार होना

घटना के बाद हत्यारोपी पिता ऋषिपाल और पुत्र सोनपाल मौके से फरार हो गए। पुलिस उनकी तलाश में जुट गई है। इस मामले में एएसपी अनुकृति शर्मा ने बताया कि संतोष की पत्नी की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है और मामले की जांच की जा रही है।

परिवार की स्थिति और समाज पर प्रभाव

परिवार का टूटना

इस घटना ने केवल एक व्यक्ति की जान नहीं ली, बल्कि पूरे परिवार को बर्बाद कर दिया है। पिता और पुत्र के बीच का यह संघर्ष न केवल उनके रिश्ते को खत्म कर देगा, बल्कि परिवार के अन्य सदस्यों पर भी इसका गहरा असर पड़ेगा।

समाज में चर्चा का विषय

यह घटना समाज में भी चर्चा का विषय बन गई है। लोग इस बात पर विचार कर रहे हैं कि कैसे एक साधारण घरेलू विवाद ने इतना भयानक रूप ले लिया।

सामाजिक जागरूकता की आवश्यकता

इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि घरेलू विवादों को सुलझाने के लिए संवाद और समझदारी की आवश्यकता है। समाज को इस प्रकार के मामलों में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

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