उत्तराखंड। राज्य सरकार ने संविदा, आउटसोर्स, दैनिक वेतन, कार्य प्रभारित, नियत वेतन, अंशकालिक और तदर्थ रूप से नियुक्त कर्मचारियों के नियमितीकरण को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस संबंध में संशोधित विनियमितिकरण नियमावली-2025 लागू कर दी गई है। अब कर्मचारियों की जानकारी जुटाई जा रही है ताकि कट ऑफ डेट बढ़ाने पर कितने कर्मचारी नियमितीकरण के लाभार्थी बनेंगे, इसका सटीक आंकलन किया जा सके।

मंडलीय उप समिति के निर्देश पर सभी विभागों से कर्मचारियों का डेटा मांगा गया है। सचिव कार्मिक शैलेश बगौली ने अधिकारियों को पत्र लिखकर यह निर्देश दिया है कि सभी जानकारी नियत समय पर और सही ढंग से प्रस्तुत की जाए।
संशोधित नियमावली के प्रमुख बिंदु:
विनियमितिकरण नियमावली 2013 में संशोधन के तहत तय किया गया है कि चार दिसंबर 2018 तक कम से कम 10 वर्ष की लगातार सेवा देने वाले कर्मचारी नियमितीकरण के पात्र होंगे। इसमें संविदा, दैनिक वेतन, कार्य प्रभारित, नियत वेतन, अंशकालिक और तदर्थ रूप से कार्यरत सभी कर्मचारी शामिल हैं। नियमावली-2025 के अनुसार यह शर्त भी लागू है कि कर्मचारियों ने अपने पद के समकक्ष कम से कम 10 वर्ष सेवा पूरी की हो।
कुछ मंत्रियों ने पहले कट ऑफ डेट बढ़ाने का सुझाव दिया था। इसी को लेकर मंत्रिमंडलीय उप समिति गठित की गई थी। हालांकि, सरकार ने संशोधित नियमावली लागू कर नियमितीकरण प्रक्रिया को आगे बढ़ा दिया है।
राज्य सरकार का लक्ष्य है कि सभी पात्र कर्मचारियों को नियमित किया जाए और उनके रोजगार में स्थायित्व सुनिश्चित हो। इससे कर्मचारियों के अधिकारों और सेवा सुरक्षा में सुधार आएगा।
