मेरठ के चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी के सामने स्थित ‘द सीजर्स फैमिली यूनिसेक्स सैलून’ ने एक ऐसा काला खेल खेला, जिसने न केवल स्थानीय लोगों को बल्कि पुलिस को भी हिला कर रख दिया। यह सैलून नाम के पीछे एक गंदा धंधा छिपाए हुए था, जहां ग्राहकों को मसाज के नाम पर ठगा जाता था। यहां के प्राइवेट केबिन में एक हिडन कैमरे से रिकॉर्डिंग कर ग्राहकों को ब्लैकमेल किया जाता था।

सैलून का संचालन

इस सैलून का संचालन आयशा खान नाम की महिला कर रही थी, जो सरधना के भाटवाड़ा मोहल्ले की रहने वाली थी। सैलून में ग्राहकों का स्वागत करने के लिए खूबसूरत लड़कियां रखी गई थीं। जब कोई ग्राहक सैलून में आता, तो उसे रजिस्टर में अपना नाम, मोबाइल नंबर और पता दर्ज कराना पड़ता। इसके बाद, ग्राहक को लड़कियों के फोटो दिखाए जाते और वह जिस पर उंगली रखता, उसे प्राइवेट केबिन में भेज दिया जाता।

प्राइवेट केबिन का रहस्य

प्राइवेट केबिन में एक नीली रोशनी वाली छोटी सी लाइट जलती थी। ग्राहक को कपड़े उतारने के लिए कहा जाता और फिर उस केबिन में हिडन कैमरे से हर पल को रिकॉर्ड किया जाता था। कैमरा इस एंगल से सेट किया जाता था कि केवल ग्राहक का चेहरा दिखाई दे, जबकि मसाज करने वाली लड़की का चेहरा छिपा रहता।

दिल्ली से लड़कियों की भर्ती

इस सैलून में मसाज देने के लिए लड़कियों को दिल्ली से बुलाया जाता था। इन लड़कियों को पहले दिल्ली में ट्रेनिंग दी जाती थी, और फिर उन्हें मेरठ में काम करने के लिए भेजा जाता था। सैलून में कुल मिलाकर छह केबिन थे, जहां ग्राहकों को मसाज दी जाती थी।

ब्लैकमेलिंग का खेल

सैलून में मसाज के लिए 2000 रुपये चार्ज किया जाता था, जिसमें 45 मिनट की मसाज और 15 मिनट का शावर शामिल था। लेकिन असली कमाई मसाज के बाद शुरू होती थी। रिसेप्शन पर ही तय किया जाता था कि किस ग्राहक को ब्लैकमेल किया जाएगा। ग्राहक के प्रोफाइल से यह भांप लिया जाता था कि कौन सा ग्राहक कमजोर है और उसे आसानी से ब्लैकमेल किया जा सकता है।

धमकी और वॉट्सऐप कॉल

आयशा ने अपने शिकार ग्राहकों को ब्लैकमेल करने के लिए कई सिम कार्ड्स खरीदे थे। वह हर ग्राहक को नए नंबर से कॉल करती थी और वॉट्सऐप कॉल के जरिए धमकी देती थी। आयशा ग्राहकों को बताती थी कि या तो उन्हें पैसे देने होंगे या फिर उनका वीडियो वायरल कर दिया जाएगा। वह रेप का केस दर्ज कराने की भी धमकी देती थी, जिससे ग्राहक और अधिक डर जाते थे।

पुलिस की कार्रवाई

इस ब्लैकमेलिंग का पर्दाफाश तब हुआ जब एक बैंक अधिकारी ने आयशा के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। उसने बताया कि आयशा ने उसे तीन लाख रुपये ऐंठ लिए थे और फिर पांच लाख रुपये और मांगे थे। पुलिस ने इस शिकायत के आधार पर सैलून पर छापा मारा और वहां से कई युवक और आयशा को गिरफ्तार किया।

सैलून में पकड़े गए लोग

पुलिस ने जब सैलून पर रेड मारी, तो वहां अलग-अलग केबिन में सात युवक पकड़े गए। ये सभी युवक मसाज करने वाली लड़कियों के साथ आपत्तिजनक स्थिति में थे। पुलिस ने मौके से कई मोबाइल फोन भी जब्त किए, जिनमें ग्राहकों के वीडियो रिकॉर्ड किए गए थे।

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