सोशल मीडिया पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर कथित आपत्तिजनक पोस्ट करने के मामले में गिरफ्तार अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अंतरिम जमानत दे दी। कोर्ट ने हालांकि साफ किया कि उनके खिलाफ जांच जारी रहेगी और उस पर रोक नहीं लगेगी।

कपिल सिब्बल ने पढ़कर सुनाया पूरा पोस्ट

प्रोफेसर अली खान की ओर से सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल पेश हुए। जब जस्टिस सूर्यकांत ने पोस्ट की वैधता और शब्दों की मंशा पर सवाल उठाया, तो सिब्बल ने वह पोस्ट पूरी अदालत में पढ़कर सुनाई और कहा, “यह देश के प्रति गहरी प्रतिबद्धता दर्शाने वाली टिप्पणी है। इसमें युद्ध की वकालत करने वालों की आलोचना की गई है, न कि सेना या राष्ट्र की।”

इस पर कोर्ट ने टिप्पणी की कि कुछ शब्द “डॉग व्हिसलिंग” जैसे प्रतीत होते हैं, यानी ऐसे संकेत जिनसे परोक्ष रूप से उकसावे की भावना निकलती है। कोर्ट ने यह भी कहा कि एक विद्वान व्यक्ति से इस तरह की भाषा की उम्मीद नहीं की जाती।

प्रोफेसर की मंशा पर बहस

कपिल सिब्बल ने कहा, “इस पोस्ट में कोई आपराधिक मंशा नहीं थी, और यह 10 तारीख के बाद भी डाली जा सकती थी। फिर अचानक एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी क्यों हुई?” कोर्ट ने माना कि भले ही पोस्ट विवादास्पद रही हो, लेकिन इसमें सीधा आपराधिक इरादा साबित नहीं होता, इसलिए प्रोफेसर को कुछ शर्तों के साथ अंतरिम जमानत दी जाती है।

हरियाणा पुलिस को SIT बनाने का आदेश

सुप्रीम कोर्ट की बेंच, जिसमें जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह शामिल थे, ने हरियाणा के डीजीपी को निर्देश दिया कि 24 घंटे के भीतर IG रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में एक तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया जाए। इस टीम में एक महिला SP रैंक की अधिकारी भी शामिल होंगी।

“प्रोफेसर हैं, फिर ऐसे शब्द क्यों?”

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने प्रोफेसर अली खान के शब्दों पर कड़ा ऐतराज जताया। कोर्ट ने पूछा, “जब देश संवेदनशील दौर से गुजर रहा है, तब ऐसे शब्दों का प्रयोग क्यों? एक प्रोफेसर से यह उम्मीद नहीं की जाती कि वह दूसरों को असहज करने वाली भाषा का प्रयोग करे। उनके पास शब्दों की कोई कमी नहीं होनी चाहिए।”

अगली पोस्टिंग पर पाबंदी

सुप्रीम कोर्ट ने प्रोफेसर अली खान को निर्देश दिया है कि जब तक जांच चल रही है, वे भारत-पाकिस्तान संघर्ष या ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर कोई नई सोशल मीडिया पोस्ट न करें। इसके अलावा उन्हें SIT जांच में पूरा सहयोग देने को कहा गया है।

गौरतलब है कि सोनीपत की अदालत ने प्रोफेसर अली खान को पहले ही 27 मई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। वहीं, सोशल मीडिया पर किए गए उनके पोस्ट को लेकर हरियाणा पुलिस ने कार्रवाई की थी, जिसके खिलाफ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।

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