देहरादून के गढ़ी कैंट स्थित यूको बैंक में 1.44 करोड़ रुपये का बड़ा फ्रॉड सामने आया है। बैंक ने 17 लोगों को व्यापार शुरू करने और बढ़ाने के लिए मुद्रा स्कीम के तहत लोन दिया था, लेकिन न तो कारोबार शुरू हुआ और न ही बैंक को एक भी किस्त लौटाई गई।

शाखा प्रबंधक अंकिता मिश्रा द्वारा कराई गई शिकायत में बताया गया कि बैंक की आंतरिक जांच में कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं—
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कई आवेदकों ने फर्जी दस्तावेज़ जमा किए थे।
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कुछ ने लोन लेते ही व्यवसाय बंद कर दिया।
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कई स्थानों पर तो जिस व्यापार के नाम पर लोन लिया गया था, वह जमीन पर मौजूद ही नहीं था।
इन अनियमितताओं के बाद पुलिस ने सभी 17 आरोपियों पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है।
थाना कैंट प्रभारी कमल लूंठी के अनुसार, इस मामले में बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत की भी जांच होगी, क्योंकि लोन जारी करने से पहले फर्म का सर्वे और दस्तावेज़ों का सत्यापन जरूरी होता है, जो यहाँ सही तरीके से नहीं किया गया।
जिन 17 कारोबारियों/फर्मों पर केस दर्ज
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सोनिया इंटरप्राइजेज – सोनिया शर्मा
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शिखा इंटरप्राइजेज – शिखा पाल
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सीआरपी इंटरप्राइजेज – नितिन शंकर
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रीत एंटरप्राइजेज – हरप्रीत कौर
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महादेव ट्रेड – सोम सिंह
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नेगी इंटरप्राइजेज – आशीष नेगी
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इंडियन ट्रेडिंग कंपनी – अर्जुन गुलाटी
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पूजा गारमेंट्स – पूजा शर्मा
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नीलकंठ इंटरप्राइजेज – सोम सिंह
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नटराज एसोसिएट्स – सॉन्ग सिंह
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अनस ट्रेडर्स – अनस कुरैशी
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श्री गुरु नानक ट्रेडर्स – सागर रावल
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मानवी फूड्स – मधुसूदन ठाकुर
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वर्मा एसोसिएट्स – अंकुश वर्मा
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बचपन फर्म – शुभम कुकरेजा
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कुबेल लक्ष्मी इंटरप्राइजेज – नम्रता देव
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नीरज इंटरप्राइजेज – नीरज
पुलिस अब इस पूरे लोन घोटाले की एक-एक परत खोलने में जुटी है।
