अयोध्या का दीपोत्सव न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह कुम्हारों के लिए एक आर्थिक वरदान भी बन गया है। हर साल इस पर्व के दौरान लाखों दीयों की बिक्री होती है,

जिससे कुम्हार परिवारों की आमदनी में जबरदस्त इजाफा होता है। इस साल 25 लाख दीये जलाने का लक्ष्य रखा गया है, जो इस परंपरा की बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाता है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से कुम्हारों को प्राथमिकता देने के फैसले ने उनकी आय को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

पहले जहां कुम्हार परिवार सालाना 20 से 25 हजार रुपये कमाते थे, वहीं अब दीपोत्सव के दौरान ही वे लखपति बन जाते हैं। इस तरह के आयोजन न केवल कुम्हारों की आर्थिक स्थिति में सुधार कर रहे हैं, बल्कि यह स्थानीय संस्कृति और परंपराओं को भी संरक्षित कर रहे हैं।

अयोध्या: कुम्हारों का बदलता जीवन

रामनगरी अयोध्या का दीपोत्सव कुम्हारों के जीवन में आशा की नई किरण लेकर आया है। पहले जहां कुम्हार रोजी-रोटी के लिए संघर्ष करते थे, अब दीपोत्सव के दौरान वे एक-एक लाख रुपये कमा रहे हैं। इस आयोजन ने न केवल उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार किया है, बल्कि उनकी सामाजिक स्थिति को भी ऊंचा उठाया है।

दीपोत्सव की शुरुआत के साथ, कुम्हार परिवार के युवा अब रोजगार के लिए बाहर जाने के बजाय इलेक्ट्रिक चाक पर काम करना पसंद कर रहे हैं। इससे न केवल उन्हें बेहतर आय मिल रही है, बल्कि वे अपने पारंपरिक व्यवसाय को भी बनाए रख रहे हैं।

जयसिंहपुर गांव में दीपोत्सव को लेकर व्यापक तैयारियां चल रही हैं। गांव के कुम्हारों ने इस साल विशेष रूप से दीयों के उत्पादन पर ध्यान केंद्रित किया है, ताकि वे इस पर्व के दौरान अधिक से अधिक दीये बेच सकें।

इस प्रकार, अयोध्या का दीपोत्सव न केवल धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह कुम्हारों के जीवन में सकारात्मक बदलाव का प्रतीक बन चुका है।

साल 2017 में जब योगी आदित्यनाथ की सरकार बनी, तो उन्होंने सबसे पहले अयोध्या को सजाने-संवारने का कार्य शुरू किया। इसके बाद, भगवान राम के वनवास से लौटने की खुशी में दीवाली और दीपोत्सव मनाने का ऐलान किया गया। हर वर्ष राम की पैड़ी पर आयोजित होने वाले इस पर्व के दौरान लाखों दीयों का प्रज्ज्वलन किया जाता है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर जिले के कुम्हारों को दीयों की खरीदारी के लिए प्राथमिकता दी है। इसका परिणाम यह हुआ है कि दीपोत्सव का आठवां संस्करण इस बार और भी भव्य होगा। कुम्हारों ने बड़ी संख्या में दीयों का निर्माण शुरू कर दिया है।

इस बार, रामलला अब भव्य मंदिर में विराजमान हो चुके हैं, जिससे इस दीपोत्सव का महत्व और भी बढ़ गया है। मुख्यमंत्री ने इस बार 25 लाख दीप जलाने का ऐलान किया है, जो इस पर्व को और भी खास बनाएगा। अयोध्या के दीपोत्सव ने न केवल धार्मिक उत्सव का रूप लिया है, बल्कि यह कुम्हारों के लिए आर्थिक समृद्धि का भी एक बड़ा माध्यम बन चुका है।

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