हरिद्वार। अर्धकुंभ 2027 की तैयारियों के तहत हरिद्वार में गंगा घाटों को पर्यावरण के अनुकूल स्वरूप देने की दिशा में अहम पहल की जा रही है। मेले के लिए प्रस्तावित नए गंगा घाट अब ‘ग्रीन गंगा घाट’ के रूप में विकसित किए जाएंगे। इसी कड़ी में शुक्रवार को नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) की टीम ने हरिद्वार पहुंचकर कुंभ मेला प्रशासन के साथ बैठक की और घाटों का मौके पर निरीक्षण किया।

कुंभ मेलाधिकारी सोनिका की अध्यक्षता में हुई बैठक में वीआईपी घाट और सीसीआर घाट के आसपास ग्रीन घाटों के निर्माण के प्रस्ताव रखे गए। इन घाटों को ईको-फ्रेंडली सामग्री से तैयार किया जाएगा और पूरे क्षेत्र को हरियाली से संवारा जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि ऐसे घाट न केवल गंगा नदी बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से भी बेहद उपयोगी होते हैं। यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर हरिद्वार में लागू की जाएगी।

बैठक में अर्धकुंभ मेले के दौरान स्वच्छता और कचरा प्रबंधन को लेकर भी मंथन हुआ। इसके तहत नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) स्थापित करने और मौजूदा एसटीपी की क्षमता बढ़ाने से जुड़े प्रस्तावों पर चर्चा की गई। सभी प्रस्तावों को समीक्षा के लिए एनएमसीजी को भेजा जाएगा।

एनएमसीजी के निदेशक धीरज जोशी ने बताया कि अर्धकुंभ से जुड़े कई प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनकी प्राथमिक समीक्षा की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि देश के अन्य हिस्सों में ग्रीन घाटों के सफल मॉडल सामने आ चुके हैं और अब हरिद्वार में इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू करने की योजना है। एसटीपी से जुड़े प्रस्तावों की भी विस्तृत जांच की जाएगी।

अपर कुंभ मेलाधिकारी दयानंद सरस्वती ने बताया कि ग्रीन घाटों की परियोजना उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग द्वारा तैयार की गई है। वीआईपी घाट और सीसीआर घाट के पास ग्रीन घाट प्रस्तावित हैं। इसके साथ ही नगर निगम द्वारा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट और कुंभ से पहले एसटीपी की क्षमता बढ़ाने से संबंधित योजनाएं भी तैयार कर दी गई हैं। स्वीकृति मिलने के बाद इन पर काम शुरू किया जाएगा।

गौरतलब है कि अर्धकुंभ 2027 के मद्देनज़र हरिद्वार में नए गंगा घाटों के निर्माण का कार्य पहले से ही जारी है। अमरापुर घाट से इसकी शुरुआत हो चुकी है और करीब ढाई किलोमीटर लंबे घाटों का निर्माण किया जा रहा है। ग्रीन घाटों की योजना को अर्धकुंभ को स्वच्छ, सुरक्षित और पर्यावरण-संवेदनशील बनाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। अर्धकुंभ का शुभारंभ 14 जनवरी 2027 से होगा।

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