एशिया के कई देशों में एक बार फिर कोरोना वायरस का प्रकोप देखने को मिल रहा है। इसका असर अब भारत में भी नजर आने लगा है। मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य एजेंसियां सतर्क हो गई हैं और सरकार ने अलर्ट मोड पर काम शुरू कर दिया है। विशेषज्ञों के साथ लगातार बैठकें की जा रही हैं।
हालांकि अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल भारत में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और घबराने की जरूरत नहीं है। आंकड़ों के मुताबिक, 12 मई से अब तक देश में कोविड-19 के कुल 164 मामले सामने आए हैं।
केरल और महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा केस
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में सबसे ज्यादा एक्टिव केस केरल में हैं, जहां फिलहाल 69 संक्रमित मरीज हैं। इसके बाद महाराष्ट्र में 44, तमिलनाडु में 34, कर्नाटक में 8, गुजरात में 6, और दिल्ली में 3 मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं, हरियाणा, राजस्थान और सिक्किम में भी एक-एक मामला सामने आया है।
JN.1 वैरिएंट की वजह से बढ़ रहे केस
कोरोना के मामलों में हो रही बढ़ोतरी की वजह नया वैरिएंट JN.1 बताया जा रहा है। यह ओमिक्रॉन के BA.2.86 वैरिएंट का म्यूटेशन है, जो तेजी से फैलने की क्षमता रखता है। सिंगापुर, हॉन्ग कॉन्ग और अन्य एशियाई देशों में इस वैरिएंट के चलते कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, अगले कुछ हफ्तों तक राहत मिलने की संभावना कम है।
मुंबई में दो मरीजों की मौत
कोरोना के चलते मुंबई के KEM अस्पताल में दो मरीजों की मौत हो गई है। दोनों पहले से गंभीर बीमारियों से पीड़ित थे। सूत्रों के मुताबिक, एक मरीज को ओरल कैंसर था, जबकि दूसरा नेफ्रोटिक सिंड्रोम से जूझ रहा था।
क्या भारत को घबराने की जरूरत है?
फिलहाल भारत में स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सतर्क है। विशेषज्ञों की सलाह है कि लोग एहतियात बरतें, जैसे मास्क का उपयोग, हाथों की सफाई और भीड़भाड़ से बचाव। खासकर बुजुर्गों और बीमार लोगों को ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है।
सरकार की ओर से लोगों से अपील की गई है कि वे अफवाहों से बचें और स्वास्थ्य दिशा-निर्देशों का पालन करें। कोरोना से निपटने के लिए सभी जरूरी कदम समय पर उठाए जा रहे हैं।