अभिषेक अग्रवाल, देहरादून: उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने हाल ही में मसूरी के 49 होटलों पर 8.30 करोड़ रुपये का भारी जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई तब की गई है जब टूरिस्ट सीजन की शुरुआत होने वाली है और होटल मालिकों में हड़कंप मच गया है। इस जुर्माने के आदेश के बाद होटल मालिकों के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती हैं। बोर्ड के सदस्य सचिव डॉक्टर पराग मधुकर धकाते ने बताया कि यह कार्रवाई एयर और वॉटर एक्ट के तहत की गई है, जिसके अनुसार होटल संचालकों को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) लेना अनिवार्य है।

जुर्माने का कारण

मसूरी में 49 होटलों में से 34 होटलों के पास 2019 से पहले का एनओसी नहीं था, जबकि 15 होटलों के पास एनओसी तो थी, लेकिन उनकी नवीनीकरण प्रक्रिया पूरी नहीं की गई थी। इन सभी कारणों के चलते संबंधित होटलों का पर्यावरणीय क्षेत्र आपूर्ति का निर्धारण कर 8.30 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

होटल मालिकों की चिंता

होटल व्यापारियों के लिए यह जुर्माना एक बड़ा झटका है। होटल मेंटेनेंस के नियमों का पालन न करने का खामियाजा उन्हें अब भुगतना पड़ रहा है। इस जुर्माने की राशि सुनकर होटल व्यापारियों में हड़कंप मच गया है। मसूरी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय भार्गव ने बताया कि पहले जुर्माना राशि 80 लाख रुपये थी, लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर 8 करोड़ 30 लाख कर दिया गया। उन्होंने कहा कि होटल एसोसिएशन विधिक राय लेकर सदस्यों की सहायता करेगी।

जुर्माना जमा करने की प्रक्रिया

होटल स्वामियों को नोटिस मिलने के एक महीने के भीतर जुर्माने की राशि जमा करने के आदेश दिए गए हैं। नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि जिन होटल संचालकों ने पूर्व में क्षतिपूर्ति की धनराशि जमा की है, उसे समायोजित किया जाएगा। यदि समय पर जुर्माना नहीं भरा गया, तो इसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम

इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण को सुनिश्चित करना है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का मानना है कि होटल संचालकों को नियमों का पालन करना चाहिए ताकि पर्यावरण पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े। इस प्रकार की कार्रवाई से अन्य होटल मालिकों को भी यह संदेश जाता है कि उन्हें नियमों का पालन करना अनिवार्य है।

पर्यटन उद्योग पर प्रभाव

मसूरी, जिसे पहाड़ों की रानी कहा जाता है, हर साल हजारों पर्यटकों को आकर्षित करता है। इस जुर्माने के कारण पर्यटन उद्योग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। यदि होटल मालिकों को भारी जुर्माना भरना पड़ा, तो वे अपनी सेवाओं की गुणवत्ता में कमी ला सकते हैं, जिससे पर्यटकों की संख्या में गिरावट आ सकती है।

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