राजस्थान के जयपुर के रेनवाल क्षेत्र में बीरमपुरा गांव से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने समाज को झकझोर कर रख दिया है। यह घटना मंगलवार रात की है, जब 25 वर्षीय सरिता ने अपने 4 वर्षीय बेटे दीक्षांत चौधरी की गला दबाकर हत्या कर दी। यह हत्या तब हुई जब सरिता अपने बेटे को ननिहाल ले जाने की जिद कर रही थी, लेकिन बेटे ने जाने से मना कर दिया। इस पर सरिता ने गुस्से में आकर यह अमानवीय कदम उठाया।

घटना का विवरण

सरिता का पति मुकेश उस समय फैक्ट्री में काम कर रहा था। बेटे की हत्या के बाद, सरिता ने उसके शव को अपने पास सुलाकर रात बिताई। जब मुकेश देर रात घर लौटा, तो उसे किसी भी प्रकार का संदेह नहीं हुआ। यह घटना न केवल एक मां के रूप में सरिता की मानसिक स्थिति को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि कैसे पारिवारिक तनाव और झगड़े एक खतरनाक मोड़ ले सकते हैं।

सुबह का मंजर

बुधवार सुबह, दीक्षांत की दादी दूध पिलाने के लिए उसे जगाने गईं, लेकिन उन्हें अपने पोते का शव बेसुध अवस्था में मिला। परिवार ने तुरंत उसे अस्पताल ले जाने का निर्णय लिया, लेकिन वहां पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला दबाने से मौत की पुष्टि हुई। यह समाचार पूरे परिवार के लिए एक बड़ा सदमा था और उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि ऐसा कुछ हो सकता है।

पुलिस की कार्रवाई

इस घटना के बाद, पुलिस ने जांच शुरू की और सरिता से पूछताछ की। सरिता ने शुरू में अपने अपराध को छुपाने की कोशिश की, लेकिन अंततः उसने अपने जुर्म को स्वीकार कर लिया। पुलिस ने बताया कि सरिता ने बताया कि पति से झगड़ों के चलते वह अपने बेटे को लेकर अपने पीहर जाना चाहती थी, लेकिन बेटे के मना करने पर उसने यह भयानक कदम उठाया।

परिवार की स्थिति

इस घटना के बाद परिवार में शोक का माहौल है। दीक्षांत की दादी और अन्य परिजन इस घटना को समझ नहीं पा रहे हैं। एक मासूम बच्चे की हत्या ने पूरे परिवार को तोड़ दिया है। इस तरह की घटनाएं समाज में एक गंभीर सवाल उठाती हैं कि क्या परिवारों में संवाद की कमी और मानसिक स्वास्थ्य की समस्याएं इस तरह की हिंसा का कारण बन सकती हैं।

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