घटना का संक्षिप्त विवरण

राजस्थान के जयपुर में एक फर्जी आईआरएस अधिकारी की गिरफ्तारी ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। इस व्यक्ति ने नेशनल नारकोटिक्स ब्यूरो (NCB) के जोनल डायरेक्टर बनकर सरकारी नौकरी कर रही लड़कियों को अपने जाल में फंसाया और उनकी अश्लील तस्वीरें खींचकर उन्हें ब्लैकमेल किया। जब एक लड़की को इस धोखाधड़ी का शक हुआ, तो उसने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई, जिसके बाद आरोपी की गिरफ्तारी हुई।

आरोपी की पहचान

आरोपी का नाम सर्वेश कुमावत है, जो मध्य प्रदेश के उज्जैन का रहने वाला है। सर्वेश ने अपने फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल पर खुद को एनसीबी का जोनल डायरेक्टर और इनकम टैक्स कमिश्नर बताकर लड़कियों से संपर्क किया। वह मुख्य रूप से सरकारी नौकरी करने वाली महिलाओं को अपना निशाना बनाता था।

धोखाधड़ी का तरीका

  • सोशल मीडिया पर पहचान बनाना: सर्वेश ने अपने फर्जी प्रोफाइल के माध्यम से सरकारी नौकरी में काम करने वाली लड़कियों से संपर्क किया।
  • ब्लैकमेलिंग: उसने लड़कियों से अश्लील तस्वीरें खींचकर उन्हें ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया।

घटना का खुलासा

जब एक लड़की को सर्वेश की गतिविधियों पर संदेह हुआ, तो उसने जयपुर के नेशनल नारकोटिक्स ब्यूरो के दफ्तर जाकर इसकी जानकारी ली। वहां उसे पता चला कि सर्वेश फर्जी है और उसने मंत्रालय के फर्जी लेटर हेड पर एक पत्र भेजकर अपने आपको बचाने की कोशिश की थी।

पुलिस की कार्रवाई

  • शिकायत दर्ज करना: लड़की की शिकायत के बाद, एनसीबी ने विद्याधर नगर थाने में मामला दर्ज करवाया।
  • जाल बिछाना: पुलिस ने एक योजना बनाई और लड़की के माध्यम से सर्वेश को जयपुर के एक होटल में बुलाया।

गिरफ्तारी

जब सर्वेश होटल पहुंचा, तो पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद, सर्वेश ने खुद को 2020 बैच का आईआरएस अधिकारी बताते हुए कहा कि वह ट्रांसफर होकर एनसीबी में आया है, जबकि असली जोनल डायरेक्टर घनश्याम सोनी हैं।

जांच में मिले सबूत

पुलिस ने सर्वेश के मोबाइल फोन की जांच की, जिसमें 25 लड़कियों की अश्लील तस्वीरें और चैट्स मिलीं। इसके अलावा, सर्वेश ने लाखों रुपये लड़कियों से हड़पने का प्रयास किया था।

सामाजिक प्रभाव

यह घटना न केवल एक धोखाधड़ी की कहानी है, बल्कि यह समाज में बढ़ते अपराधों और धोखाधड़ी के मामलों को भी उजागर करती है।

  • महिलाओं की सुरक्षा: इस तरह की घटनाएं महिलाओं की सुरक्षा और उनके प्रति समाज के दृष्टिकोण को चुनौती देती हैं।
  • सामाजिक जागरूकता: समाज को इस तरह के मामलों के प्रति जागरूक होना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसे अपराधों की पुनरावृत्ति न हो।

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