उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा अधिनियम, 2004 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा असंवैधानिक घोषित करने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है । यह फैसला उत्तर प्रदेश के 16,000 से अधिक मदरसों के लिए राहत की खबर है, जिन्हें उच्च न्यायालय के फैसले से प्रभावित होने की संभावना थी।
मदरसा शिक्षा अधिनियम क्या है?
उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा अधिनियम, 2004 को मदरसा शिक्षा को व्यवस्थित करने के लिए बनाया गया था । इस अधिनियम के तहत मदरसा शिक्षा को अरबी, उर्दू, फारसी, इस्लामिक अध्ययन, टिब्ब (पारंपरिक चिकित्सा), दर्शनशास्त्र और अन्य विशिष्ट विषयों के रूप में परिभाषित किया गया है।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय का फैसला
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा अधिनियम, 2004 को असंवैधानिक और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों के विरुद्ध घोषित किया था । उच्च न्यायालय ने कहा था कि मदरसा शिक्षा न तो गुणवत्तापूर्ण है और न ही सार्वजनिक है।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाते हुए कहा है कि मदरसा शिक्षा अधिनियम का उद्देश्य नियामक है, न कि धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों के विरुद्ध । सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि उच्च न्यायालय ने मदरसा शिक्षा अधिनियम की व्याख्या करने में गलती की है।

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